Sunday, February 06, 2011

Re: [astrostudents] Re: SHANI

 

Respected Vijay goel ji ..

Yes Thakurji has very gud command over LK you are true ..
I personally think its my gud karmas that's I know Thakurji ..
The way he sees patrika and the way he explains the problems and gives solution is unique in its own way ..

I know Mr Yograj prabhakar ji also has very gud command over LK ..

But Thakurji has very gud view of seeing the problems ...
Yes rahu in 11th is danger ..
Budh in 2nd house of the person is also danger to his father at his age between 32 to 34 years ...

And yes Vijay goel ji ur true he is doing the best work by bringing out these all articles ...


Regards
Jesal Sagar.


From: "vijay.goel" <goyalvj@gmail.com>
Sender: astrostudents@yahoogroups.com
Date: Sat, 05 Feb 2011 16:44:34 -0000
To: <astrostudents@yahoogroups.com>
ReplyTo: astrostudents@yahoogroups.com
Subject: [astrostudents] Re: SHANI

 

Dear Jesal Ji,

I have met shri D s Thakur ji,

He have very good command over LK. I respect his knowledge.

I still remember his article on Rahu in 11H and short life of father.

He is doing very good work by bringing these articles.

Thankyou
Regards,
Vijay Goel
Jaipur.

--- In astrostudents@yahoogroups.com, JESAL SAGAR <jesalsagar@...> wrote:
>
> Dear members 
> lot of confusion is there abt shani dev in a kundali ..my mentor and a lalkitab expert Shri D.S.Thakurji gives its view and makes us understand abt shani in kundali .. and how shani gives results in kundali ..
> शनि द�श�मन नही दोस�त भीशनि का ज�रिक�र आते ही दिल में खौफ की लहर सी दौड़ जाती है। ज़िन�दगी के हर मंदे नतीजे को अकसर शनि ग�रह से जोड़ दिया जाता है। पहले तो शनि की सा�सती की बात होती थी, अब शनि के काल सर�प योग का चर�चा भी आम है। �सा लगता है कि जैसे सब ब�रे कामों का ठेका शनि ने लिया हो । गोया सब परेशानियां, शनि की मिहरबानियां । तो क�या शनि हमारा द�श�मन है ? इसका जवाब गौरो खोज से
> मिलेगा। 
> ज�योतिष में शनि को सांप भी माना गया हैं । सांप का नाम आते ही दिल में डर सा पैदा होने लगता है। हालांकि हर सांप ज़हरीला नही होता। शनि का सांप खज़ाने का रखवाला भी होता है। चन�द�र नगद रूपया तो शनि खजांची है। शनि के सांप के बिना गरीबी का क�त�ताा भौंकता होगा। अगर खाना नं0 3 में शनि कंगाल है तो खाना नं0 9 में मकान जायदाद का मालिक भी है। अगर खाना नं0 6 में शनि खतरनाक ज़हरीला सांप है तो खाना
> नं0 12 मे साया करने वाला शेषनाग भी है। दूसरे लफज़ों में, दोसà¥�ती à¤"र दà¥�शà¥�मनी शनि के दोनों पहलू हैं। दरअसल शनि बद कम बदनाम जà¥�यादा है। 
>
> लाल किताब के फरमान नं0 15 के म�ताबिक:-
>
> '' पाप नैया न हर दम चलती, न ही माला ग�रह क�ल की,
>
> शनि होता न म�ंसिफ द�निया, बेड़ी गर�क थी सब की'' ।
>
> अगर शनि द�निया का म�ंसिफ न होता तो सब की बेड़ी गर�क हो जाती। मतलब यह कि द�नियावी काम काज़ चलाने के लिये शनि की ज़रूरत है। सन�यास या मकान-जायदाद, चालाकी से धन दौलत कमाने का ज़माना, 36 साला उम�र, शनि की पहचान है। 
>
> तमाम मकानों, इनà¥�सान की बिनाई à¤"र हरेक की नेकी à¤"र बदी का हिसाब किताब लिखने वाले à¤�जेनà¥�टों का मालिक, हाकिम शनि देवता ज़ाहिरा पीर है। इसी लिये कई मनà¥�दिरों में शनि की पूजा होती है। नेक हालत में जब अपने जाती सà¥�वभाव के असूल के मà¥�ताबिक नेक असर का हो तो बृहसà¥�पति के घरों (खाना नं0 2,5,9,12) में कभी बà¥�रा असर नही देता। शनि का à¤�जणà¥�ट केतà¥�, उमà¥�र की किशà¥�ती का मलà¥�लाह है। बà¥�ध के दायरे मे राहà¥� केतà¥� की
> तरफ से जिस कारà¥�रवाई की लिखत लिखाई हो, शनि उस पर धरà¥�म से फैसला करता है। नेक असर के वकà¥�त शनि इनà¥�सानी उमà¥�र के 10,19, 37 साल में उतà¥�ताम फल देता है। अगर कà¥�ंडली में à¤�क दो तीन की तरकीब à¤"र दृषà¥�टि के असूल पर पहले घरों में केतà¥� हो à¤"र शनि के बाद में तो शनि à¤�क इचà¥�छाधारी तारने वाला सांप होगा। शनि को अगर सांप माना जाये तो उसकी दà¥�म केतà¥� बैठा होने वाले घर में होगी à¤"र सर उसका राहà¥� बैठा होने वाले घर
> में गिना जायेगा। बृहसà¥�पति कायम हो तो शनि à¤�क ठंडा सर सबà¥�ज पहाड़ होगा, खासकर जब चनà¥�दà¥�र भी दà¥�रूसà¥�त हो। बृहसà¥�पति के घराें में शनि का असर वैद धनà¥�वतरि की हैसियत का उमà¥�दा होगा। हामला à¤"रत, इकलौते या खानदान में अकेले लड़के के सामने शनि का सांप खà¥�द अनà¥�धा होगा à¤"र डंक न मारेगा।
>
> मंदी हालत के वक�त मौत का फन�दा फैलाये दिन दिहाड़े सब के सामने सरे बाज़ार कत�ल करने की तरह मंदा ज़माना खड़ा कर देगा। फकीर को खैरात देने की बजाये उल�ट उसकी �ोली में माल निकाल लेगा। सब से धन की चोरी करता कराता फिर भी निर�धन ही होगा। हरेक के आगे सवाली फिर उसी पर चोट मार देना इसका काम होगा। मंदी हालत में शनि का �जेंट राह� होगा जो ज़हर का भण�डारी है। 
>
> दो या दो से जà¥�याद नर गà¥�रहों (बृहसà¥�पति,सूरज, मंगल) के साथ शनि काबू में हो जाता है à¤"र ज़हर नही उगल सकता। जिस कदर मà¥�काबले पर दà¥�शà¥�मन गà¥�रहों (सूरज, चनà¥�दà¥�र, मंगल) का साथ बà¥�ता जाये शनि à¤"र भी मनà¥�दा हो जाता है। मंदी हालत में शनि की चीज़ों का दान मददगार होगा।
>
> बृहस�पति के घराें में शनि ब�रा फल नही देता मगर बृहस�पति ख�द शनि के घर खाना नं.0 10 में नीच हो जाता है। मंगल अकेला शनि के घर खाना नं0 10 में राजा है मगर मंगल के घर खाना नं0 3 में शनि नगद माया से दूर कंगाल हो जाता है। सूरज के घर खाना नं0 5 में शनि बच�चे खाने वाला सांप है मगर शनि के घर खाना नं0 11 में सूरज उत�ताम, धर�मी हो जाता है। चन�द�र के घर खाना नं0 4 में शनि पानी में डूबा ह�आ सांप जो अधरंग
> से मरे हà¥�ये को शफ़ा (सेहत) दे मगर शनि के हैडकà¥�वाटर खाना नं0 8 में, जो मंगल की मौतों का घर है, चनà¥�दà¥�र नीच हो जाता है। शà¥�कà¥�र ने शनि से आंख उधार ली है इसलिये शà¥�कà¥�र घर खाना नं0 7 में शनि उचà¥�च है। राहà¥� बदी का à¤�जेणà¥�ट है मगर राहà¥� के घर खाना नं0 12 में शनि हरेक का भला ही करता है। केतà¥� नेकी का फरिशता है मगर केतà¥� के घर खाना नं0 6 में शनि मनà¥�दे लड़के à¤"र खोटे पैसे की तरह कभी न कभी काम काम आ ही जाने वाला
> मगर मन�दा ज़हरीला सांप होता है। इस तरह क�ण�डली के ज�दा ज�दा खानों मे शनि का ज�दा ज�दा अच�छा या ब�रा फल होता है।
>
> शनि की अदालत
>
> लाल किताब के मà¥�ताबिक राहà¥� अगर मà¥�लà¥�ज़िम का चालान पेश करने का शहादती हो तो केतà¥� उसके बचाने के लिये मददगार वकील होगा। दोनों के दरमियान बात का धरà¥�मी फैसला करने के लिये शनि हाकिम, वकà¥�त की कचहरी का सब से बड़ा जज होगा। पापी गà¥�रहों (राहà¥�, केतà¥�, शनि ) ने दà¥�नियावी पापियों गà¥�नाहगारों को सीधे रासà¥�ते पर लाने à¤"र गृहसà¥�थी निज़ाम को कायम रखने के लिये अपनी ही पंचायत बना रखी है। इस बात के मदà¥�दे
> नज़र रखते हà¥�ये ज़माने के गà¥�रू à¤"र तमाम गà¥�रहों को पेशवा बृहसà¥�पति ने शनि के घर खाना नं0 11 में अपनी धरà¥�म अदालत मà¥�करà¥�रर की है। जहां शनि अपनी माता के दूध को याद करके, बृहसà¥�पति का हलà¥�फ उठाने के बाद राहà¥� à¤"र केतà¥� की की शहादत के मà¥�ताबिक फैसला करता है। 
>
> शनि ख�द ब�राई नही करता बल�कि उसके �जेण�ट राह� केत� ब�राई वाले काम उसके पास फैसले के लिये लाते हैं। लिहाज़ा ब�रो कामों के (ब�रे) फैंसले करते करते शनि ख�द बदनाम हो गया। लोग बदनाम को ही ब�रा कहते हैं । अगर द�निया में पाप न हो तो राह� कोई चालान पेश न करेगा। कर भी दे तो केत� की मदद से शनि का फैसला हक में होगा। फिर शनि को कोई ब�रा भी न कहेगा।
>
> आखिर नतीजा यही निकलता है कि शनि द�श�मन नही दोस�त भी है।
> everything written by SHRI D.S.THAKURJI ....
> Regards
> JESAL SAGAR.
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