Dear Renab Ji & Members,
You can follow the blog of Sh. DS Thakur Ji at http://mayalalkitabki.blogspot.com/
For all his articles. Thakur Sahib is posting his articles regularly ib this blog.
Regards
Nirmal
--- In astrostudents@yahoogroups.com, "renabsingh" <renabsingh@...> wrote:
>
> Dear Jesal ji
> I am unable to read budh and rahu articles . i think this is font problem . can you send me these articles on my mail ?
> thanks
> Sincerely
> Renab Singh
>
> --- In astrostudents@yahoogroups.com, "Jesal Sagar" <jesalsagar@> wrote:
> >
> > Dear Members
> >
> > An article about Budh graha by my mentor Shri D.S.Thakurji
> > Due to him Budh is the most powerful graha in our all 9 graha ..
> >
> > If in a kundali budh is gud ... Ur kundali is 50% gud ...
> >
> > Please I request all the members to read this article about Budh graha which is written by D.S.Thakurji ...
> >
> >
> > बà¥à¤§ शकà¥à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨
> >
> > '' उलà¥à¤Ÿ पांव चमगादड़ लटका, खà¥à¤«à¤¿à¤¯à¤¾ शरारत करता हो ।
> > घर पकà¥à¤•ा जिस गà¥à¤°à¤¹ का होगा, वहां वही बन बैठता हो।''
> >
> > अकà¥à¤² के उलà¥à¤Ÿ काम कर कराके टेवे वाले को चमगादड़ की तरह लटका देना, कोई छà¥à¤ªà¥€ शरारत करके मà¥à¤¶à¥à¤•िल में डाल देना, जिस घर में बैठना उस घर के पकà¥à¤•े गà¥à¤°à¤¹ की तोते की तरह नकल करना, मौका देखकर गिरगिट की तरह रंग बदल लेना वगैरह वगैरह बà¥à¤§ गà¥à¤°à¤¹ की खास सिफतें हैं। इसीलिठपणà¥à¤¡à¤¿à¤¤ जी (लाल किताब की रचना करने वाले) बà¥à¤§ को उलà¥à¤²à¥‚ का पटà¥à¤ ा कहा करते थे।
> >
> > ''घर 2,4 या 6 में बैठा, राज योगी बà¥à¤§ होता हो।
> > 7वें घर में पारस होता, गà¥à¤°à¤¹ साथी को तारता हो।
> > 9,12,8 तीसरे, 11, थूके कोà¥à¥€ बà¥à¤§ होता हो ।
> > Bघर पहले 10 घूमता राजा, परिवार दौलत 5 देता हो''।
> >
> >
> > बà¥à¤§ बैठा होने वाले घर का मालिक गà¥à¤°à¤¹ जब नमà¥à¤¬à¤° 9 में बैठजावे तो बà¥à¤§ की तरह वह खाली चकà¥à¤•र या बेकार निषà¥à¤«à¤² होगा। सिरà¥à¤« खाना नमà¥à¤¬à¤° 4 के बà¥à¤§ में राहॠकेतॠका असर नहीं, इसलिठराज योग है। बाकी हर जगह पाप बà¥à¤§ के दायरे मेें होगा। ज़हर à¤à¤°à¤¾ बà¥à¤§ जब बैठा हो खाना नमà¥à¤¬à¤° 3 में कबीले पर à¤à¤¾à¤°à¥€ �"र खानदान पर मनà¥à¤¦à¤¾, नमà¥à¤¬à¤° 8 में जानदार चीज़ों �"र जानों पर मनà¥à¤¦à¤¾, नमà¥à¤¬à¤° 9 में टेवे वाले की अपनी ही हर हालत (माल व जान) पर मनà¥à¤¦à¤¾, नमà¥à¤¬à¤° 11 में आमदन की नाली में रोà¥à¤¾ अटकावे, नमà¥à¤¬à¤° 12 में कारोबार �"र रात की नींद बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦ करे। ज़हर से à¤à¤°à¤¾ खà¥à¤¦ मारा जावे तो बेशक मगर 1 से 4 (सिवाये खाना नमà¥à¤¬à¤° 3 जहां कि दूसराें के लिठथूकता हà¥à¤† कोà¥à¥€ यानि मनà¥à¤¦à¤¾) पर मनà¥à¤¦à¤¾ न होगा। नमà¥à¤¬à¤° 5 से 10 में दहशत (डर) तो ज़रूर देगा। नमà¥à¤¬à¤° 11, 12 में हड़काये कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‹ की तरह जिसे काटे वो आगे हड़काकर à¤à¤¾à¤—ने लगे। बà¥à¤§ अमूमन (आम तौर पर) खाना नमà¥à¤¬à¤° 1, 2, 9 से 12 में सनीचर (शनि) की मदद करेगा। चाहे ज़हर मिला लोहा मार देने वाली ज़हर निरà¥à¤§à¤¨ करने वाला होगा। नमà¥à¤¬à¤° 3 से 8 में सूरज की मदद, धन दौलत उमà¥à¤¦à¤¾ चाहे 3 �"र 8 में हज़ारो दà¥à¤–: खड़े करेगा।
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> > बà¥à¤§ से मà¥à¤°à¤¾à¤¦ बहन, बà¥à¤†, फूफी, मासी, साली, वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° �"र दूसरे बà¥à¤§ के काम होगा। बà¥à¤§ के बगैर तमाम गà¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ में à¤à¥à¤•ने à¤à¥à¤•ाने की ताकत कायम न होगी।
> > बà¥à¤§à¥à¤¦à¤¿ के काम तिज़ारत, वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°, हà¥à¤¨à¤°, दसà¥à¤¤à¤•ारी, दिमागी लियाकतों (बà¥à¤§à¥à¤¦à¤¿à¤®à¤¤à¥à¤¤à¤¾à¤¾) से धन दौलत कमाने का 34 साला उमà¥à¤° का ज़माना बà¥à¤§ की हकूमत होगा। किसी à¤à¥€ चीज़ के न होने की हालत, बà¥à¤§ का होना या उसकी हसà¥à¤¤à¥€ कहलाती है। यानि खाली जगह में बà¥à¤§ का दखल होगा। ज़हर से à¤à¤°à¤¾ बà¥à¤§ खाना नमà¥à¤¬à¤° 1 से 4 में (सिवाये खाना नमà¥à¤¬à¤° 3 के) साथ बैठे गà¥à¤°à¤¹ पर कà¤à¥€ मनà¥à¤¦à¤¾ असर न देगा। खà¥à¤¦ बेशक बà¥à¤°à¥‡ असर अपने देवे मगर कोई ज़हर मिला वाकिया न करेगा। नमà¥à¤¬à¤° 11 से 12 जिस गà¥à¤°à¤¹ को काटे वह हड़काये कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‹ की तरह दूसरों को à¤à¥€ आगे हड़काता चला जावे। चनà¥à¤¦à¥à¤° राहॠके à¤à¤—ड़े में बà¥à¤§ बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦ होगा। बà¥à¤°à¥‡ गà¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ के साथ बैठा उस गà¥à¤°à¤¹ का असर �"र à¤à¥€ बà¥à¤°à¤¾ कर देगा �"र à¤à¤²à¥‡ गà¥à¤°à¤¹ के साथ बैठने से न सिरà¥à¤« उस à¤à¤²à¥‡ गà¥à¤°à¤¹ को �"र à¤à¥€ à¤à¤²à¤¾ कर देगा बलà¥à¤•ि खà¥à¤¦ à¤à¥€ à¤à¤²à¤¾ हो जायेगा। यानि जिससे मिलेगा उसकी ही ताकत का असर देगा। यह गà¥à¤°à¤¹ दरखतों पर उलà¥à¤Ÿ पांव लटके हà¥à¤¯à¥‡ चमगादड़ की तरह अनà¥à¤§à¥‡à¤°à¥‡ में जागकर खà¥à¤«à¤¿à¤¯à¤¾ (छà¥à¤ªà¥€) शरारत करता होगा। मकान में मनà¥à¤¦à¥‡ बà¥à¤§ की पहली निशानी यह होगी कि नये बनाये मकान में किसी न किसी वजह से सिरà¥à¤« सीà¥à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ गिराकर दोबारा बनने का बहाना होगा। चार दीवारी �"र छतà¥à¤¤à¤¾ नही बदली जायेगी।
> > मनà¥à¤¦à¥‡ बà¥à¤§ वाले को नाक छेदन करवाना �"र फिटकरी वगैरह से दांत साफ रखना या छोटी लड़कियों को पूजना, सेवा रखना मददगार होगा। अगर घर के बहà¥à¤¤ से मैमà¥à¤¬à¤°à¥‹à¤‚ का बà¥à¤§ निकमà¥à¤®à¤¾ ही हो या खà¥à¤¦ अपना बà¥à¤§ टेवे में अमूमनॠमनà¥à¤¦à¥‡ ही घरों में आता रहे तो बकरी की सेवा या बकरी का दान करना उतà¥à¤¤à¤¾à¤® फल पैदा करेगा। अगर ज़à¥à¤¬à¤¾à¤¨ में थà¥à¤¥à¤²à¤¾à¤ªà¤¨ हो तो बद । इस थà¥à¤¥à¤²à¤¾à¤ªà¤¨ के अलावा �"र कोई मनà¥à¤¦à¤¾ फल न देगा चाहे टेवे में मनà¥à¤¦à¤¾ होवे। घर में à¤à¤• के बाद दूसरे पर लानत, बीमारी खड़ी हो जाने के वकà¥à¤¤ बà¥à¤§ से बचाव के लिठहलवा कदà¥à¤¦à¥‚ जो पकà¥à¤•ा रंग ज़रà¥à¤¦ (पीला) �"र अनà¥à¤¦à¤° से खोखला हो चà¥à¤•ा हो, सालम का सालम यानि पूरे का पूरा धरà¥à¤® सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में देना मददगार होगा।
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> > पाप (राहà¥,केतà¥) बà¥à¤§ के दायरे में चलता है सिवाये खाना नमà¥à¤¬à¤° 4 के जहां कि बà¥à¤§ राजयोग होगा कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वहां राहà¥, केतॠपाप न करने की कसम खाते हैं । शà¥à¤•à¥à¤° मनà¥à¤¦à¥‡ को ज़रूर मदद देगा मगर पाप मनà¥à¤¦à¥‡ के वकà¥à¤¤ खà¥à¤¦ à¤à¥€ मनà¥à¤¦à¤¾ होगा �"र मौत गूंजती होगी। बलà¥à¤•ि à¤à¤¸à¥€ हालत में अगर शà¥à¤•à¥à¤° à¤à¥€ à¤à¤¸à¥‡ घरों में हो जहां कि बà¥à¤§ मनà¥à¤¦à¤¾ गिना गया है तो वह शà¥à¤•à¥à¤° को à¤à¥€ बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦ कर देगा। अकेला बैठा हà¥à¤† बà¥à¤§ निकमà¥à¤®à¤¾ व बगैर ताकत होगा �"र उस गà¥à¤°à¤¹ का फल देगा जिस गà¥à¤°à¤¹ का वह पकà¥à¤•ा घर है जहां कि बà¥à¤§ बैठा हो। धोखे से बचने के लिठयह बात साफ होनी चाहिठकि घर की मालकीयत दो तरह की होती है। à¤à¤• तो बतौर घर का मालिक �"र दूसरी हालत में हर à¤à¤• घर किसी न किसी गà¥à¤°à¤¹ का पकà¥à¤•ा घर मà¥à¤•रà¥à¤°à¤° हैं । मसलनॠखाना नमà¥à¤¬à¤° 1 का मालिक तो मंगल है मगर यह पकà¥à¤•ा घर सूरज का है । खाना नमà¥à¤¬à¤° 3, 8, 9, 11, 12 का मनà¥à¤¦à¤¾ बà¥à¤§ बेवकूफ कोà¥à¥€ मलà¥à¤²à¤¾à¤¹ जो खतरे के वकà¥à¤¤ अपनी बेड़ी को खà¥à¤¦ ही गोता देने लगे �"र आमदन की नाली में रोà¥à¤¾ अटकाने वाला हो जावे।
> >
> > बà¥à¤§ का अणà¥à¤¡à¤¾ अकà¥à¤² का बीज़ नहीं मगर अकà¥à¤² की नकल ही अणà¥à¤¡à¤¾ है जो कà¥à¤£à¥à¤¡à¤²à¥€ के खाना नमà¥à¤¬à¤° 9 में पैदा होता है। गà¥à¤°à¤¹ कà¥à¤£à¥à¤¡à¤²à¥€ में खड़ा अणà¥à¤¡à¤¾ (मैना, आम, बकरी) बà¥à¤§ कà¥à¤£à¥à¤¡à¤²à¥€ के खाना नमà¥à¤¬à¤° 2, 4, 6 में होगा। लेटा हà¥à¤† अणà¥à¤¡à¤¾ (à¤à¥‡à¥œ) बà¥à¤§ कà¥à¤£à¥à¤¡à¤²à¥€ के खाना नमà¥à¤¬à¤° 8, 10 में होगा। गनà¥à¤¦à¤¾ अणà¥à¤¡à¤¾ बà¥à¤§ कà¥à¤£à¥à¤¡à¤²à¥€ के खाना नमà¥à¤¬à¤° 12 में होगा। आम हालत (मां धी )बà¥à¤§ कà¥à¤£à¥à¤¡à¤²à¥€ के खाना नमà¥à¤¬à¤° 1 में होगा। चमगादड़ व किसी चीज़ का साया या अकà¥à¤¸ मगर असल चीज़ जिसका साया या अकà¥à¤¸ है, का पता न लगे कि वह कहां है, बà¥à¤§ कà¥à¤£à¥à¤¡à¤²à¥€ के खाना नमà¥à¤¬à¤° 3, 9 में होगा। दूध देना वाला बकरा मगर बकरी दाà¥à¥€ वाली, बà¥à¤§ कà¥à¤£à¥à¤¡à¤²à¥€ के खाना नमà¥à¤¬à¤° 5 में होगा। चौड़े पतà¥à¤¤à¤¾à¥‹à¤‚ वाला दरखत, मैना का उपदेश, लाल कणà¥à¤ ी वाला तोता, बृहसà¥à¤ªà¤¤à¤¿ की नकà¥à¤², बà¥à¤§ कà¥à¤£à¥à¤¡à¤²à¥€ के खाना नमà¥à¤¬à¤° 11 में होगा।
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> > बà¥à¤§ की नाली
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> > हर तीसरे घर के गà¥à¤°à¤¹ यानि 1, 3 कà¤à¥€ बाहम (आपस में) नहीं मिल सकते । इसलिये बाहम असर à¤à¥€ नही मिला सकते । लेकिन अगर बà¥à¤§ की नाली से कà¤à¥€ मिल जावें तो वह बाहम बà¥à¤°à¤¾ असर न देंगे। अगर नेक हो जावे तो बेशक हो जावें।
> > शà¥à¤•à¥à¤° बà¥à¤§ दोनों इकटà¥à¤ े ही मà¥à¤¬à¤¾à¤°à¤• हैं �"र खाना नमà¥à¤¬à¤° 7 दोनों का पकà¥à¤•ा घर है। लेकिन जब जà¥à¤¦à¤¾ जà¥à¤¦à¤¾ हो जावें �"र अपने से सातवें पर होवें तो दोनों का फल रदà¥à¤¦à¥€à¥¤ लेकिन जब तक इस सातवें की शरà¥à¤¤ से दूर हों मगर हों दोनो जà¥à¤¦à¤¾ जà¥à¤¦à¤¾ तो बà¥à¤§ जिस घर में बैठा हो, वह (बà¥à¤§) उस घर के तमाम गà¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ का �"र उस घर में उनके बैठे हà¥à¤¯à¥‡ का अपना अपना असर शà¥à¤•à¥à¤° के बैठा होने वाले घर में नाली लगाकर मिला देगा। यानि दोनों घरों का असर मिला मिलाया हà¥à¤† इकटà¥à¤ ा गिना जायेगा। फरà¥à¤• सिरà¥à¤« यह हà¥à¤† कि शà¥à¤•à¥à¤° अपने घर का असर उठाकर बà¥à¤§ बैठा होने वाले घर में नही ले जाता मगर बà¥à¤§ का अपने बैठा होने वाले घर का असर उठाकर शà¥à¤•à¥à¤° बैठा होने वाले घर में जा मिलाता है। किसà¥à¤¸à¤¾ कोताह (अंत संकà¥à¤·à¥‡à¤ª में) जब कà¤à¥€ शà¥à¤•à¥à¤° का राज हो तो शà¥à¤•à¥à¤° बैठा होने वाले घर में बà¥à¤§ बैठा होने वाले घर का असर साथ मिला हà¥à¤† गिना जायेगा। मगर बà¥à¤§ की तखà¥à¤¤ की मालकियत के वकà¥à¤¤ अकेले ही उन गà¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ का असर होगा जिनमें कि बà¥à¤§ बैठा हो। शà¥à¤•à¥à¤° बैठा होने वाले घर के गà¥à¤°à¤¹ का असर बà¥à¤§ वाले घर में मिला हà¥à¤† न गिना जायेगा। बà¥à¤§ शà¥à¤•à¥à¤° के इस तरह पर असर मिलाने के वकà¥à¤¤ अगर बà¥à¤§ कà¥à¤£à¥à¤¡à¤²à¥€ में शà¥à¤•à¥à¤° से बाद के घराें में बैठा हो तो, बà¥à¤§ का अपना जाति असर बà¥à¤°à¤¾ होगा । अगर बà¥à¤§ कà¥à¤£à¥à¤¡à¤²à¥€ में शà¥à¤•à¥à¤° से पहले घरों में बैठा हà¥à¤† �"र उठाकर अपने बैठा होने वाले घर का असर ले जावे शà¥à¤•à¥à¤° बैठा होने वाले घर में तो अब बà¥à¤§ का लाया हà¥à¤† असर में जाती अपना असर बà¥à¤°à¤¾ न होगा बलà¥à¤•ि à¤à¤²à¤¾ ही गिना जायेगा। इस मिलावट के वकà¥à¤¤ अगर बà¥à¤§ वाले घर में शà¥à¤•à¥à¤° के दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ गà¥à¤°à¤¹ à¤à¥€ शामिल हों तो शà¥à¤•à¥à¤° इज़ाज़त ने देगा कि बà¥à¤§ अपने बैठा होने वाले घर का असर उठाकर शà¥à¤•à¥à¤° बैठा होने वाले घर में मिला देवे। यानि à¤à¤¸à¥€ हालत में बà¥à¤§ की नाली बनà¥à¤¦ होगी �"र शà¥à¤•à¥à¤° को जब बà¥à¤§ की मदद न मिली तो शà¥à¤•à¥à¤° अब बà¥à¤§ के बगैर पागल होगा। लेकिन अगर बà¥à¤§ का साथ वहां शà¥à¤•à¥à¤° के दोसà¥à¤¤ गà¥à¤°à¤¹ हों तो शà¥à¤•à¥à¤° कोई रूकावट न देगा। बलà¥à¤•ि बà¥à¤§ को ज़रूर अपना असर शà¥à¤•à¥à¤° बैठा होने वाले घर में ले जाना पड़ेगा। हो सकता है कि à¤à¤¸à¥€ मिलावट में राहॠकेतॠदोनों शामिल हो (यह हालत सिरà¥à¤« उस वकà¥à¤¤ होगी जब राहॠकेतॠअपने से सातवें घर होने की वजह से बà¥à¤§ �"र शà¥à¤•à¥à¤° à¤à¥€ आपस में सातवें घर होंगे ) तो मनà¥à¤¦à¤¾ नतीजा होगा। खास करके उस वकà¥à¤¤ जब बà¥à¤§ होवे शà¥à¤•à¥à¤° के बाद के घरों में �"र साथ ही राहॠ�"र केतॠका दौरा à¤à¥€ आ जावे । यानि उन मे से कोई à¤à¤• तखà¥à¤¤ की मालकियत के दौरे के हिसाब से आ जावे तो उस वकà¥à¤¤ (जबकि इस मिलावट में राहॠकेतॠशà¥à¤•à¥à¤° बà¥à¤§ के साथ मिल रहें हैं �"र राहॠकेतॠका अपना उधर राज पर इकटà¥à¤ े होने का à¤à¥€ वकà¥à¤¤ है) कà¥à¤£à¥à¤¡à¤²à¥€ वाले के लिठमारà¥à¤• सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ का à¤à¤¯à¤¾à¤¨à¤• ज़माना होगा। यानि मौत के बराबर का बà¥à¤°à¤¾ वकà¥à¤¤ होगा। लेकिन अगर यह शरà¥à¤¤à¥‡à¤‚ पूरी न हों या बà¥à¤§ होवे शà¥à¤•à¥à¤° से पहले घरों में तो यह मनà¥à¤¦à¤¾ ज़माना न होगा। मनà¥à¤¦à¤¾ ज़माना सिरà¥à¤« राहॠकेतॠके दौरे के वकà¥à¤¤ होगा। शà¥à¤•à¥à¤° या बà¥à¤§ के दौरे (गà¥à¤°à¤¹ के दौरे से मà¥à¤°à¤¾à¤¦ गà¥à¤°à¤¹ मतलà¥à¤•ा का खाना नमà¥à¤¬à¤° 1 में आने का ज़माना होगा) के वकà¥à¤¤ यह लानत न होगी। इस बà¥à¤§ की नाली का खास फायदा मंगल से मतलà¥à¤•ा (समà¥à¤¬à¤‚धित) है। बाज़ (किसी) वकà¥à¤¤ मंगल को सूरज की मदद मिलती हà¥à¤ˆ मालूम नही होती या चनà¥à¤¦à¥à¤° का साथ होता हà¥à¤† मालूम नही होता, इस नाली की वजह से मंगल को मदद मिल जाती है �"र मंगल जो सूरज चनà¥à¤¦à¥à¤° के बगैर मंगल बद होता है, मंगल नेक बन जाता है। इसी तरह मंगल बà¥à¤§ बाहम दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ हैं । मंगल के बगैर शà¥à¤•à¥à¤° की �"लाद कायम नही रहती । बà¥à¤§ जब मंगल के साथ होवे तो लाल कणà¥à¤ ी वाला तोता होगा �"र खà¥à¤¦ उठकर �"र मंगल को साथ उठाकर शà¥à¤•à¥à¤° से मिला देगा या शà¥à¤•à¥à¤° की �"लाद बचा देगा। जिससे कणà¥à¤¡à¤²à¥€ वाला ला�"लाद (नि:सनà¥à¤¤à¤¾à¤¨) न होगा। à¤à¤¸à¥€ हालत में बà¥à¤§ या शà¥à¤•à¥à¤° के बाहम पहले या बाद के घराें में होने पर बà¥à¤§ के जाति असर की बà¥à¤°à¤¾à¤ˆ की शरà¥à¤¤ न होगी। à¤à¤²à¤¾à¤ˆ का असर ज़रूर होगा। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि मंगल ने शà¥à¤•à¥à¤° के दौरे के पहले साल में अपना असर ज़रूर मिलाना है। गोया बà¥à¤§ की नाली 100 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤, 50 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤, 25 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ �"र अपने से 7वें होने की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से बाहर à¤à¤• �"र ही शà¥à¤•à¥à¤° �"र बà¥à¤§ की बाहम दृषà¥à¤Ÿà¤¿ है �"र यह है इसलिठकि शà¥à¤•à¥à¤° में बà¥à¤§ का फल मिला हà¥à¤† माना जाता है। मिलावट में राहॠके साथ हो जाने के वकà¥à¤¤ जब शà¥à¤•à¥à¤° ने बà¥à¤§ को बाहर ही रोक दिया तो शà¥à¤•à¥à¤° में बà¥à¤§ का फल न मिला तो बà¥à¤§ के बगैर शà¥à¤•à¥à¤° पागल होगा या शà¥à¤•à¥à¤° खाना नमà¥à¤¬à¤° 8 के असर वाला होगा। इसी तरह शà¥à¤•à¥à¤° के बगैर बà¥à¤§ का असर सिरà¥à¤« फूल होगा फल न होगा। यानि कà¥à¤µà¤¤à¥‡ वाह (संà¤à¥‹à¤— शकà¥à¤¤à¤¿) होगी तो मंगल की बचà¥à¤šà¤¾ पैदा करने की ताकत का शà¥à¤•à¥à¤° को फायदा न मिलेगा।
> >
> > बà¥à¤§ के दांत
> >
> > दांत कायम हों तो ??Ćवाज़ अपनी मरà¥à¥›à¥€ पर काबू में होगी । गोया बृहसà¥à¤ªà¤¤à¤¿ की हवाई ताकत (पैदायश �"लाद) पर काबू होगा। मंगल à¤à¥€ साथ देगा । यानि जब तक दांत (बà¥à¤§) न हों, चनà¥à¤¦à¥à¤° मदद देगा। जब दांत न  थे तब दूध दिया । जब दांत दिये तो कà¥à¤¯à¤¾ अनà¥à¤¨ (शà¥à¤•à¥à¤°) न देगा ? यानि बà¥à¤§ होवे तो शà¥à¤•à¥à¤° की खà¥à¤¦-ब-खà¥à¤¦ (अपने आप) आने की उमà¥à¤®à¥€à¤¦ होगी। लेकिन जब दांत आकर चले गये (�"र मà¥à¤‚ह के ऊपर के जबाड़े के सामने के) तो अब मंगल बà¥à¤§ का साथ न होगा। न ही बृहसà¥à¤ªà¤¤à¤¿ पर काबू होगा या उस शखà¥à¤¸ या �"रत के अब �"लाद का ज़माना खतम हो चà¥à¤•ा होगा जबकि यह दांत आकर चले गये या खतम हो गये। दांत गये दांत कथा गई । बृहसà¥à¤ªà¤¤à¤¿ खतà¥à¤® तो लावलà¥à¤¦ (नि:संतान) हà¥à¤†à¥¤
> >
> >
> > Wow .. Wat a perfect article about Budh ....
> > Hats off to you Thakurji ...
> >
> >
> > Regards
> > Jesal Sagar.
> >
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Monday, February 07, 2011
[astrostudents] Re: Budh -- Shaktimaan :> Font Problem
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